Poems

आ बैठ मेरे पास, कुछ बात करें ।

आ बैठ मेरे पास, कुछ बात करें ।

इस लम्हे की, और इसमें छिपे ब्रम्हाण्ड की

इस रहस्य की, और इसमें छिपे ज़ाहिर की

आ बैठ मेरे पास, कुछ बात करें ।

इस आकार की, और इसमें छिपे निराकार की

इस हवा की, और इसमें आती उसकी ख़ुशबू की

आ बैठ मेरे पास, कुछ बात करें ।

इस एक की, और इसमें छिपे अनेक की

इन गुणो की, और इनमें छिपे निर्गुण की

आ बैठ मेरे पास, कुछ बात करें ।

इस नाद की, और इसमें छिपे अनाहद की

इस शोर की, और इसमें छिपी ख़ामोशी की

आ बैठ मेरे पास, कुछ बात करें ।

कुछ तेरी, कुछ मेरी, और तेरी मेरी से बनी इस दुनिया की

इस प्रकट की, और इसमें छिपे अप्रकट की

आ बैठ मेरे पास, कुछ बात करें ।

कुछ कही, कुछ अनकही

कुछ शब्दों की, और कुछ शब्दों से परे की

प्रेम की, प्रतीक्षा की, हसने की, गाने की

और कुछ मौन की

आ बैठ मेरे पास, कुछ बात करें ।

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"Knowing ourselves is the beginning of creating a joyful life"

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तुम सब सदा यूँ ही मुस्कुराते रहो, और परमात्मा तो अपने आप ही खिंचा चला आएगा तुम सब सदा यूँ ही मुस्कुराते रहो, और ज्ञान का प्रकाश अपने आप ही तुम्हारे अंदर उज्वलिक होगा

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हर आवाज़ के पीछे एक ख़ामोशी छुप्पी खड़ी है, तुम आवाज़ों को मत छोड़ना, बस आवाज़ों की लहरों पर तैरना सीख लो ...

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"Whenever you start to pour your attention based on your intention that thing start to grow and manifest in your life"