Meditation, Kirtans, Chants, Dance, Celebration & Tears of bliss...

"After 15 years of intense wait, finally Shiva allowed me to consecrate his space. Was he testing my patience or preparing me all these years, nobody knows as his ways are mystical & strange. And finally, on Mahashivratri, 1st March 2022, with his blessings - in the lap of Himalayas, we consecrated Shiva - Swayambhu - once again, in this life.

This was a 3-day intense process of consecration which culminated on the powerful night of Mahashivratri. The cosmic Shiva energy transformed something in all of us - forever."

--Sri Anish

In eternal gratitude to the one we invoke...Sharing Shiva's grace with you all.

Swayambhu Shiva Dhyan Mandir

Building places of worship and meditation has been an age old tradition in India. And since ancient times these spaces were always created through community contributions.

Let's revive this culture and work towards creating a blissful & awakened humanity.

You too can be part of this profound process by supporting the maintenance & associated events of this space of Shiva.

Daan (donation) is one of the highest virtues, inculcating it allows you to experience a profound 'sense of oneness'

शिव के 9 तत्त्व - Sri Anish's speaks on Shiva

मित्रता

शिव प्रतिक हैं गहरी मित्रता के | शिव भेद भाव नहीं करते | उनके गणों में सभी शामिल हैं भूत, पिशाच, यक्ष, राक्षस, मनुष्य, देव, गन्धर्व और सिद्ध भी |

प्रेम

शिव प्रेम के भी प्रतिक हैं | सती से इतना प्रेम किया कि उनके जाने से वैरागी हो गए और भयंकर तांडव किया, फिर सती पार्वती के अवतार में आयीं तो विवाह के बाद कैलाश छोड़ कशी जाने को भी राज़ी हो गए | शिव का प्रेम अटूट है |

मित्रता

शिव प्रतिक हैं गहरी मित्रता के | शिव भेद भाव नहीं करते | उनके गणों में सभी शामिल हैं भूत, पिशाच, यक्ष, राक्षस, मनुष्य, देव, गन्धर्व और सिद्ध भी |

प्रेम

शिव प्रेम के भी प्रतिक हैं | सती से इतना प्रेम किया कि उनके जाने से वैरागी हो गए और भयंकर तांडव किया, फिर सती पार्वती के अवतार में आयीं तो विवाह के बाद कैलाश छोड़ कशी जाने को भी राज़ी हो गए | शिव का प्रेम अटूट है |

आनंद

शिव का आनंद अनंत है | शिव हिमालय में अपने एकांत में भी आनंदित हैं। शमशान, कैलाश या काशी - शिव के आनंद में कोई परिवर्तन नहीं |

कला

शिव तो कला के भी प्रतिक हैं | शिव जैसे नृत्य की तो इस जगत में बस कल्पना मात्र ही की जा सकती है | शिव के रुद्र रूप का तांडव पूरी सृष्टि को हिला देता है और शिव आनंद में भी नृत्य में लीन हो जाते हैं |

आनंद

शिव का आनंद अनंत है | शिव हिमालय में अपने एकांत में भी आनंदित हैं। शमशान, कैलाश या काशी - शिव के आनंद में कोई परिवर्तन नहीं |

कला

शिव तो कला के भी प्रतिक हैं | शिव जैसे नृत्य की तो इस जगत में बस कल्पना मात्र ही की जा सकती है | शिव के रुद्र रूप का तांडव पूरी सृष्टि को हिला देता है और शिव आनंद में भी नृत्य में लीन हो जाते हैं |

ध्यान

शिव यानि ध्यान | विज्ञान भैरव तंत्र में 112 ध्यान की विधियां देकर शिव ने पूरे मानव जगत को मोक्ष का मार्ग दिया है | स्वयं भी शिव हर चित्र व मूर्ति में, किसी गहरे ध्यान में लीन प्रतीत होते हैं |

रुद्र

शिव intensity यानि गहनता के मालिक हैं | इस गहनता के बिना न तो योग सम्भव है और न ही भोग | शिव intense हैं |

ध्यान

शिव यानि ध्यान | विज्ञान भैरव तंत्र में 112 ध्यान की विधियां देकर शिव ने पूरे मानव जगत को मोक्ष का मार्ग दिया है | स्वयं भी शिव हर चित्र व मूर्ति में, किसी गहरे ध्यान में लीन प्रतीत होते हैं |

रुद्र

शिव intensity यानि गहनता के मालिक हैं | इस गहनता के बिना न तो योग सम्भव है और न ही भोग | शिव intense हैं |

योग

शिव एक ऐसी अवस्था हैं जहाँ सभी दो जुड़ कर एक हो जाते हैं | जैसे अर्धनारीश्वर की प्रतिमा | उच्चत्तम योग की एक अनूठी पूर्णता का प्रतिक हैं शिव |

योग

शिव एक ऐसी अवस्था हैं जहाँ सभी दो जुड़ कर एक हो जाते हैं | जैसे अर्धनारीश्वर की प्रतिमा | उच्चत्तम योग की एक अनूठी पूर्णता का प्रतिक हैं शिव |

"Whenever you start to pour your attention based on your intention that thing start to grow and manifest in your life"

In the moonless night of Maha Shivaratri

When the silence is deep & longing profound

When the seekers are praying all around

You shine through the darkness and make us spellbound

From the earth to the sky, only you are found

Every moment, my heart cries to hear your sound

O Shiva, in your love, make me forever bound”

QUOTE OF THE MONTH

"Purity of the heart can not only move mountains, it also becomes the seat of the divine."

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