आज हमने फिर से एक कमाल का करिश्मा देखा,
ख़ुश्क, प्यासी, तपती धरती के सीने मे,
अचानक पता नहीं कहाँ से कुछ बादलों ने,
ढ़ेर सारा बारिश का पानी उढ़ेल दिया...
तुम सब सदा यूँ ही मुस्कुराते रहो,
और परमात्मा तो अपने आप ही खिंचा चला आएगा
तुम सब सदा यूँ ही मुस्कुराते रहो,
और ज्ञान का प्रकाश अपने आप ही तुम्हारे अंदर उज्वलिक होगा
Pages were white, though the ink was red,
The words were still alive,
There were some memories hidden in those words,
Dialogues were old but were still alive, pulsating ...